उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में उस वक्त बड़ा हादसा हो गया, जब सीएम योगी एक कार्यक्रम से निकले। उनके जाने के आधे घंटे बाद बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में ड्रिलिंग से मलबा धसक गया। इसमें करीब 15 मजदूरों को दबने की आशंका जताई गई है। एक मौत हुई है।
ओबरा थाना क्षेत्र के बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में शनिवार की दोपहर बाद ड्रिलिंग के दौरान पत्थर खदान धसक गई। इस हादसे में एक मजदूर की मौत हो गई और 15 श्रमिकों के फंसे होने की खबर है।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर हैं। एक शव बरामद कर लिया गया है। बचाव कार्य जारी है।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक 15 से अधिक लोग मौके पर काम कर रहे थे। हादसे के वक्त खदान में नौ कंप्रेशर मशीनों से ब्लास्टिंग के लिए होल किया जा रहा था।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक 15 से अधिक लोग मौके पर काम कर रहे थे। हादसे के वक्त खदान में नौ कंप्रेशर मशीनों से ब्लास्टिंग के लिए होल किया जा रहा था।
घटना तब हुई, जब चंद किमी दूरी पर ही मुख्यमंत्री का कार्यक्रम आयोजित था। उनके लौटने के महज आधे घंटे बाद ही हादसे से खलबली मच गई। सूचना पर डीएम, एसपी सहित अन्य अफसर मौके पर पहुंचे। मलबे में दबे लोगों को बाहर निकालने के लिए एसडीआरएफ की टीम बुलाई गई है। हादसे में दो मजदूरों के मौत की भी चर्चा रही। हालांकि, इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई।
मुख्यमंत्री के आगमन के मद्देनजर हुए खनन क्षेत्र में शनिवार को ब्लास्टिंग बंद था। इसे देखते हुए राजकीय पीजी काॅलेज ओबरा के पास मेसर्स कृष्णा माइनिंग के नाम से आवंटित खदान में ब्लास्टिंग के लिए होल बनाने का कार्य जारी था।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, इस काम में नौ कंप्रेशर मशीनें और 18 से अधिक मजदूर लगे हुए थे। बताया जा रहा है कि दोपहर ढाई बजे के करीब अचानक से एक तरफ की दीवार धसक गई। इससे मलबा करीब डेढ़ सौ फीट नीचे गिरा। कई मजदूर इसकी चपेट में आ गए। घटना से अफरा-तफरी मच गई। बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंचे। आनन-फानन पास की अल्ट्राटेक, ओबरा व अन्य परियोजनाओं के राहत दल की मदद से बचाव कार्य शुरू किया।
डीएम बद्रीनाथ सिंह, एसपी अभिषेक वर्मा सहित पुलिस-प्रशासन के अन्य अफसर मौके पर पहुंचे। राज्य मंत्री संजीव सिंह गोंड ने भी घटनास्थल का जायजा लिया। ज्यादातर मजदूर पनारी गांव के निवासी हैं। प्रधान पति लक्ष्मण यादव ने गांव के दो मजदूरों के मौत का दावा किया। हालांकि, अधिकारिक रूप से इसकी पुष्टि नहीं हो पाई। पोकलेन से मलबा हटाने का प्रयास किया जाता रहा लेकिन खदान काफी गहरी होने के कारण राहत कार्य में दिक्कत की स्थिति बनी रही।
मेसर्स कृष्णा माइनिंग में हादसा हुआ है। कुछ लोगों के मलबे में दबने की आशंका है। राहत कार्य जारी है। वाराणसी से एनडीआरएफ और मिर्जापुर से एसडीआरएफ की टीम बुलाई गई है। मलबा हटने के बाद ही सही स्थिति स्पष्ट होगी। पूरे मामले की जांच कर जिम्मेदारी तय की जाएगी।
बिरसा मुंडा जयंती पर इस तरह की घटना काफी दुखद है। सरकार की संवेदना प्रभावित परिवारों के साथ है। कार्य बंद किए जाने की पूर्व सूचना के बाद भी किन परिस्थितियों में कार्य कराया जा रहा था और इसके लिए कौन जिम्मेदार है, इसकी जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
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