ऋषिकेश। उत्तराखंड के ऋषिकेश में रामलीला (Ramlila in Rishikesh) कार्यक्रम के दौरान ऐसी महाभारत (Mahabharat) हो गई कि श्रीराम, हनुमान, रावण (Shri Ram, Hanuman, Ravana) और पूरे दल-बल के साथ पुलिस थाने पहुंच गए। रामलीला के ये सभी पात्र अपनी गिरफ्तारी देने के लिए कोतवाली पहुंचे थे। मामला प्रशासन और रामलीला आयोजन के बीच विवाद से जुड़ा है। प्रशासन ने राम बारात निकालने की अनुमति नहीं दी थी। इससे बात बिगड़ गई।
जानकारी के अनुसार, बनखंडी में रामलीला मंचन को लेकर दो पक्षों में विवाद चल रहा है। विवाद के बीच प्रशासन ने किसी भी पक्ष को रामलीला मंचन की अनुमति नहीं दी। एक पक्ष की ओर से 18 सितंबर से मंचन शुरू कर दिया गया था। इसके बाद पुलिस की ओर से मंचन से जुड़े 29 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। इससे ही जुड़े एक और मुकदमे में दो लोग नामजद किए गए थे।
राम की बारात नहीं निकाले जाने से खफा हुए ‘श्रीराम’
मंगलवार को मंचन करने वाली कमेटी की ओर से राम बारात निकाली जानी थी। आयोजकों का कहना है कि इसकी अनुमति नहीं दी गई। शाम को सुभाष बनखंडी श्री रामलीला कमेटी के पदाधिकारी मंचन करने वाले पात्रों के साथ कोतवाली जा पहुंचे। राम बारात निकालने, दशहरे के दिन रावण दहन की अनुमति न दिए जाने का विरोध किया और दर्ज मुकदमों में गिरफ्तारी की मांग की।
कमेटी के अध्यक्ष हरिराम अरोड़ा और महामंत्री योगेश कालरा ने कहा कि कुछ रसूखदार लोग कमेटी व उसकी संपत्ति पर कब्जा करने की नीयत से सरकार को गुमराह और भ्रमित कर कलाकारों, संगीतज्ञ, पदाधिकारियों पर लगातार मुकदमे कर हैं। आरोप है कि उन्हें रामलीला किए जाने से रोका जा रहा है। ऋषिकेश कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक प्रदीप राणा का कहना है कि विवाद के चलते प्रशासन के स्तर से अनुमति नहीं मिली।
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