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Kashi Ki Aawaz | युवक ने लगाया पीआरवी पर आरोप अस्पताल ले जाती पुलिस तो बच सकती थी जान
चंदौली

युवक ने लगाया पीआरवी पर आरोप अस्पताल ले जाती पुलिस तो बच सकती थी जान

चंदौली ब्यूरो रिपोर्ट

मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत डांडी के पास गुरुवार को बाइक सवार एक छात्र सड़क दुर्घटना में घायल हो गया। लोगों ने इसकी सूचना 112 नंबर पर पुलिस को दी ताकि उसे उपचार मिल सके। मौके पर पहुंची पीआरवी 20 मिनट तक ऑटो रूकवाती रही। जबकि उनके पास खुद वाहन था। बाद में वहां मौजूद एक युवक घायल को ई-रिक्शा पर लादकर छह किलोमीटर दूर पीडीडीयू नगर राजकीय महिला चिकित्सालय पहुंचा।

यहां पर भी युवक कुछ देर जमीन पर पड़ा रहा। बाद में उसे लोग इमरजेंसी में ले गये जहां छात्र में दम तोड़ दिया। सूचना के बाद मौके पर पहुंची कोतवाली पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई। छात्र की मौत के बाद से उसके भाई व रिश्तेदारों को रो-रोकर बुरा हाल हो गया था।

मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के कैथापुर के निवासी सेना में सूबेदार संजय यादव का छोटा पुत्र करन यादव (19) पड़ाव स्थित एक इंस्टिच्यूट से डिप्लोमा का कोर्स कर रहा था। गुरुवार को वह बाइक से कालेज से वापस लौट रहा था। डांडी के पास सड़क दुर्घटना में वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसके सिर में गंभीर चोट लग गई।

क्षेत्र स्थित एफसीआई गोदाम के पास के रहने वाले आशीष चौहान ने बताया कि लोगों ने 112 नंबर पर पुलिस को सूचना दी। सूचना के बाद वहां पीआरवी से पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे। इसके बाद लगभग 20 मिनट तक पुलिसकमी ऑटो रूकवाने में लगे रहे। जब कोई वाहन नहीं मिला तो आशीष एक ई- रिक्शा पर घायल छात्र करन को छह किलोमीटर दूर पीडीडीयू नगर स्थित राजकीय महिला चिकित्सालय पहुंचा।

आरोप है कि पहले वहां कोई वॉर्ड ब्वाय नहीं मिला। काफी जद्दोजहद के बाद स्ट्रेचर मिली। इसके बाद चिकित्सक ने उपचार शुरू किया। इमरजेंसी रूम में उपचार के दौरान छात्र की मौत हो गई। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस मामले में आगे की कार्रवाई में जुट गई।

घायल को टोटो से अस्पताल पहुंचाने वाले आशीष चौहान ने बताया कि हादसे के बाद तुरंत 112 नंबर पर फोन कर पुलिस को बुलाया गया। पीआरवी से पुलिसकर्मी आए भी। लेकिन वे खुद युवक को अस्पताल ले जाने के लिए 20-25 मिनट तक सड़क पर ऑटो रोकवाते रहे। जबकि उनके बाद खुद की स्कॉर्पियो यानी पीआरवी थी। लेकिन वे उसपर नहीं ले गए अगर उसपर अस्पताल ले जाया गया होता तो युवक की जान बच सकती थी। ई-रिक्शा से ले जाने में आधा घंटे लगे उसके बाद भी अस्पताल पहुंचने के बाद युवक जिंदा था। आखिर पुलिस को यह वाहन किसके लिए दिया जाता है जब वह जनता की मदद ही नहीं कर सकती।

घायल को टोटो से अस्पताल पहुंचाने वाले आशीष चौहान ने बताया कि महिला चिकित्सालय लाने के बाद भी युवक का काफी देर तक इलाज नहीं हो सका। वह जमीन पर पड़ा तड़पता रहा। पहली बार में स्ट्रेचर मांगने पर स्वास्थ्यकर्मी ने स्ट्रेचर भी नहीं दिया। काफी मशक्कत के बाद स्ट्रेचर मिला तो उसपर रखने के लिए कोई नहीं था। मै बाहर जाकर यातायात व्यवस्था संभाल रहे पुलिसकर्मियों को बुलाया तो उन्होंने युवक को उठाकर स्ट्रेचर पर रखवाया और तब जाकर वह अंदर जा सका।

घटना के बाद पीआरवी मौके पर पहुंची थी, ऑटो को रूकवाने का प्रयास हुआ। पुलिसकर्मियों ने संबंधित लोगों के जरिये ई-रिक्शा से घायल को अस्पताल पहुंचवाया। वही दुर्घटना के बाबत आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जा रही है

सीसी कैमरे की जांच में जानकारी हुई कि शाम को 04 बजकर 08 मिनट पर घायल युवक अस्पताल आया है। इसके बाद 04 बजकर 12 मिनट पर उसका उपचार शुरू हो गया। वहां मौजूद चिकित्सक ने युवक को सीपीआर भी देने का प्रयास किया लेकिन सिर में गंभीर चोट होने के कारण युवक की मौत हो गई। - डॉ. एसके चतुर्वेदी, प्रभारी चिकित्साधिकारी, राजकीय महिला चिकित्सालय

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